2 मिनट में कमर दर्द से आराम

2 मिनट में कमर दर्द से आराम

  2 मिनट में कमर दर्द से आराम – कमर दर्द का घरेलू उपाय, एक्सरसाइज, खानपान, नियमित जीवनशैली और सावधानियां

कमर दर्द (Back pain) आजकल तो एक आम समस्या बन गई है। 2 मिनट में कमर दर्द से आराम लगभग हर व्यक्ति जीवन के किसी न किसी चरण में इससे गुजरता ही है। यह दर्द कभी हल्का तो कभी बहुत गंभीर रूप में सामने आता है। कमर दर्द का कारण कई बार गलत पोस्चर, शारीरिक श्रम, तनाव, उम्र, खानपान की गलत आदतें या स्वास्थ्य से संबंधित अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि इस समस्या से निजात पाने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय, एक्सरसाइज, खानपान में बदलाव और जीवनशैली में सुधार किया जा सकता है। यहां पर हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप कमर दर्द को केवल 2 मिनट में कम कर सकते हैं और इसके अलावा Kamar dard ka gharelu upay के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें भी आपसे साझा करेंगे।

1. कमर दर्द का घरेलू उपाय (Home Remedies for Back Pain)

कमर दर्द से राहत पाने के लिए कई आसान और प्रभावी तरीके के घरेलू उपाय हैं, जिन्हें आप बिना किसी खर्चे करके अपने घर पर ही आजमा सकते हैं।

सेंधा नमक और सरसों के तेल से मालिश-

2 मिनट में कमर दर्द से आराम सेंधा नमक और सरसों का तेल दोनों ही कमर दर्द को काफी दूर करने में प्रभावी होते हैं। इसके लिए आपको एक बर्तन में सरसों का तेल गर्म करना है, और फिर उसमें एक चम्मच सेंधा नमक डालें। अब इस मिश्रण को हल्का गुनगुना करके अपनी कमर पर हलकी हाथो से अच्छी तरह से मालिश करें। यह आपके दर्द को कम करने में मदद करेगा और

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खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव

खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव

    खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव – खाने में मिलावट से कैसे बचें?

जब खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव की बात करते है तो, आजकल दुनिया भर में मिलावटी खाना एक बड़ा ही मुद्दा बन चुका है। हर दिन हम नए-नए खाने के आइटम्स देखते रहते हैं जो अपने स्वाद और ताजगी के लिए प्रसिद्ध होते हैं, लेकिन इनका असली असर हमारे स्वास्थ्य पर भी बहुत पड़ रहा है। शहरों में रहने वाले लोग अपनी रोज़ी-रोटी की तलाश में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें खाना भी मुश्किल से मिलता है, और मिलता तो ज्यादातर मिलावटी ही मिलता। खेती करने के लिए न तो उनके पास ज़मीन होती है और न ही पर्याप्त कोई संसाधन। इस कारण उन्हें जो भी खाना मिलता है, वह अक्सर मिलावटी और अस्वस्थ ही होता है। लेकिन, जो लोग खेती करते हैं, वे जानते हैं कि अगर सही तरीके से खेती की जाए, Food adulteration in Hindi तो अच्छे और स्वाभाविक भोजन की प्राप्ति हो सकती है।

उदाहरण के तौर पर, फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र जैसे लोग अपनी जमीन पर ही खेती करते हैं और अपना खुद का उत्पाद उगाते हैं, जबकि शिल्पा शेट्टी जैसी लोग भी स्वस्थ और प्राकृतिक तरीके से ही अपने खेतों में खेती करती हैं। लेकिन आजकल कई लोग केवल पैसों की तलाश में गलत तरीके से खेती करते हैं, जिससे उनका बड़ा उत्पाद मिलावटी हो जाता है। ऐसे खाद्य पदार्थ न केवल हमारे शरीर के लिए नुकसानदेह होते हैं, बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य पर भी सबसे ज्यादा बुरा असर डालते हैं।

आज हम कुछ ऐसे ही उदाहरणों पर बात यहाँ करेंगे, जहां खेती और खाद्य पदार्थों के साथ धोखाधड़ी हो रही है और इसका असर हमारे अपनों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

1. जार्सी गाय का दूध और उसके स्वास्थ्य पर प्रभाव

आजकल जार्सी गाय के दूध की मांग तो तेजी से बढ़ रही है। मॉडर्न घरो के लेडी लोग इसी को मजे से पीती है और अपने बच्चो को भी पिलाती है, इंतजार रहता है दूधवाला का की कब आएगा। जार्सी गाय, जो विशेष रूप से ज्यादा दूध देती है, उसका दूध बहुत ही लोकप्रिय हो चुका है। जार्सी गाय का दूध केवल अधिक उत्पादन के लिए नहीं, बल्कि यह इसके स्वाद और अन्य गुणों के कारण भी बहुत ही प्रिय है। लेकिन, इस दूध को पाने के लिए जो तरीका अपनाया जाता है, वह हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। जर्सी गाय एक गाय नहीं है बल्कि उसे तो प्रकृति से छेढ़छाड़ और विज्ञान का गलत इस्तेमाल करके बनाया गया है। ये तो इंसान के विवेक पर निर्भर करता हे।

खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव जार्सी गाय का दूध प्राकृतिक तरीके से नहीं बल्कि यह तो प्रजनन के माध्यम से बढ़ाया जाता है। इसके लिए वैज्ञानिक और कृत्रिम प्रक्रियाओं का इस्तेमाल किया जाता है, और इसे कहते है विज्ञान का गलत इस्तेमाल। इसमें कई प्रकार के रासायनिक तत्व के मिश्रण मिलाए जाते हैं जिससे दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके परिणामस्वरूप, जार्सी गाय के दूध में अधिक वसा होती है, जो हमारे शरीर में अनहेल्दी कोलेस्ट्रॉल का स्तर लगातार बढ़ा सकती है। इसके सेवन से मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी गंभीर से गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं।

इसलिए हमें हमेशा प्रामाणिक और प्राकृतिक दूध का ही सेवन करना चाहिए, जो रासायनिक तत्वों से मुक्त हो। बाजार में ऐसे कई ब्रांड हैं जो प्राकृतिक और ऑर्गेनिक दूध बेचते हैं, जिन्हें हमें अपनाना चाहिए, लेकिन सतर्क होके।

2. गन्ने का गलत तरीके से उत्पादन और उसके प्रभाव

खेती में एक और बहुत बड़ा धोखा गन्ने की खेती में हो रहा है। आजकल गन्ने के बीजों को इस तरीके से विकसित किया जा रहा है कि उनका आकार पहले से बहुत बड़ा हो जाता है। इसे प्राप्त करने के लिए गन्ने के बीज को बांस के बीजों से मिलाया जाता है। इस प्रकार से विकसित गन्ना न केवल आकार में बड़ा हो जाता है, बल्कि इसका रस भी काफी ज्यादा होता है। लेकिन इस प्रकार के गन्ने में कई प्रकार के रासायनिक तत्व होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं।

जब गन्ने और बांस के बीच इस प्रकार का मिश्रण होता है, तो दोनों अलग-अलग रसायनों को जमीन से खींचते हैं। इससे गन्ने में ऐसे रसायन जमा हो जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत घातक हो सकते हैं। इस प्रकार के गन्ने का सेवन करने से पेट की बहुत सारी बीमारियाँ, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए हमें हमेशा ही प्राकृतिक और रासायनिक तत्वों से मुक्त उत्पादों का सेवन करना चाहिए।

3. पोल्ट्री मुर्गी और उसका खतरा

पोल्ट्री उद्योग में तो कई प्रकार की भयंकर अनैतिक प्रथाएँ अपनाई जा रही हैं। पोल्ट्री मुर्गियों ( Poltri Chicken ) को इस प्रकार से पाला जाता है कि उनका आकार बहुत ज्यादा बढ़ जाए और उनसे अधिक मांस और अंडे प्राप्त किए जा सकें। इस काम के लिए कृत्रिम तरीके से मुर्गियों की प्रजनन प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया जाता है। Food adulteration in Hindi इन मुर्गियों में रासायनिक पदार्थ मिलाए जाते हैं ताकि उनकी वृद्धि और विकास को बहुत तेज किया जा सके।

खाद्य पदार्थों में मिलावट के दुष्प्रभाव इस प्रकार की मुर्गियाँ जब पाली जाती हैं, तो उनमें भारी मात्रा में रासायनिक तत्व जमा हो जाते हैं। इन रासायनिक तत्वों का सेवन करने से हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। पोल्ट्री मांस में मौजूद यह रसायन हमारे पाचन तंत्र को बहुत  नुकसान पहुंचाते हैं और धीरे-धीरे शरीर में इनका प्रभाव बढ़ने

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